Cyclone ‘Remal’ Hits the Coasts of West Bengal and Bangladesh; चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकराया:

बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न उष्णकटिबंधीय चक्रवात ‘रेमल’ पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकरा गया है। इस चक्रवात का नाम ओमान ने दिया है, जिसका अरबी भाषा में अर्थ ‘रेत’ होता है। यह तूफान दोनों देशों में भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण व्यापक तबाही लेकर आया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं।

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के बारे में:

उष्णकटिबंधीय चक्रवात तीव्र घूर्णन गति वाले तूफान होते हैं। ये उष्णकटिबंधीय महासागरों के ऊपर उत्पन्न होने वाली बिना वाताग्र वाली निम्न दाबयुक्त प्रणाली हैं। इन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है:

  • हिंद महासागर क्षेत्र: चक्रवात (साइक्लोन)
  • अटलांटिक महासागर: हरिकेन
  • पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण चीन सागर: टाइफून
  • पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया: विली-विलीज़

चक्रवात अपने केंद्र (चक्रवात की आंख) के चारों ओर बने कपासी वर्षी मेघों में संघनन से ऊर्जा प्राप्त करते हैं। चक्रवात की आंख एक शांत क्षेत्र होता है, जहां बादलों की अनुपस्थिति होती है और पवन का वेग बहुत कम होता है। जब ये चक्रवात भूमि पर पहुंचते हैं (लैंडफॉल), तो उनमें आर्द्रता की आपूर्ति बंद हो जाती है और चक्रवात कमजोर हो जाता है।

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए अनुकूल परिस्थितियां:

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए कुछ अनुकूल परिस्थितियों की आवश्यकता होती है:

  • समुद्री सतह का तापमान: 27 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वाली विशाल समुद्री सतह
  • कोरिओलिस बल की उपस्थिति: कोरिओलिस बल की अनुपस्थिति के कारण भूमध्य रेखा के निकट उष्णकटिबंधीय चक्रवात नहीं बनते हैं।
  • पवन की ऊर्ध्वाधर गति में छोटे बदलाव: पवन की ऊर्ध्वाधर गति में लगातार होते छोटे बदलाव
  • पहले से मौजूद कमजोर निम्न दाब वाला क्षेत्र:

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की कलर कोडेड मौसम चेतावनियां:

चक्रवात प्रवण क्षेत्रों के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा निम्नलिखित कलर कोडेड मौसम चेतावनियां जारी की जाती हैं:

  • ग्रीन: चक्रवात पूर्व निगरानी, यह चेतावनी 72 घंटे पहले जारी की जाती है।
  • येलो: चक्रवात अलर्ट, यह चेतावनी कम-से-कम 48 घंटे पहले जारी की जाती है।
  • ऑरेंज: चक्रवात वॉर्निंग, यह चेतावनी कम-से-कम 24 घंटे पहले जारी की जाती है।
  • रेड: पोस्ट लैंडफॉल आउटलुक, कम-से-कम 12 घंटे पहले जारी किया जाता है।

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण:

संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO), ने चक्रवात नामकरण की प्रक्रिया को अपनाया है। किसी महासागरीय बेसिन के लिए जिम्मेदार संस्था उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्षेत्रीय निकाय (TCRB) द्वारा चक्रवात के नामों की एक सूची तैयार की जाती है।

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों पर WMO/ESCAP पैनल पांच उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्षेत्रीय निकायों (TCRBs) में से एक है। यह उत्तरी हिंद महासागर (बंगाल की खाड़ी और अरब सागर) में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण करता है। इसके सदस्यों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, पाकिस्तान, श्रीलंका, ओमान, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं। सभी सदस्य देशों द्वारा 13 नामों की एक सूची प्रदान की जाती है, जिनका क्रमिक रूप से उपयोग किया जाता है।

चक्रवात ‘रेमल’ का प्रभाव:

चक्रवात ‘रेमल’ के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकराने से भारी बारिश, तेज हवाएं और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है।

  • पश्चिम बंगाल में प्रभाव: कई स्थानों पर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिससे लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। बिजली और संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं और कई पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए हैं।
  • बांग्लादेश में प्रभाव: बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों में भी बाढ़ और तेज हवाओं के कारण व्यापक नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष:

उष्णकटिबंधीय चक्रवात ‘रेमल’ ने पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर भारी तबाही मचाई है। इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए समय पर चेतावनी और तैयारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की कलर कोडेड चेतावनियों और चक्रवातों के नामकरण की प्रक्रिया ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन चेतावनियों और तैयारियों से जनजीवन की सुरक्षा और नुकसान को कम करने में मदद मिलती है।

FAQs:

    चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ क्या है?

    चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुआ एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात है जो पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकराया है। इस चक्रवात का नाम ओमान ने दिया है, जिसका अरबी भाषा में अर्थ ‘रेत’ होता है।

    उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को विभिन्न क्षेत्रों में क्या कहते हैं?

    उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है:
    1. हिंद महासागर में: चक्रवात (साइक्लोन)
    2. अटलांटिक महासागर में: हरिकेन
    3. पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण चीन सागर में: टाइफून
    4. पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में: विली-विलीज़

    चक्रवात की आंख क्या होती है?

    चक्रवात की आंख एक शांत और साफ क्षेत्र होता है जो चक्रवात के केंद्र में स्थित होता है। यहां बादलों की अनुपस्थिति होती है और पवन की गति बहुत कम होती है।

    भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी की जाने वाली विभिन्न मौसम चेतावनियां क्या हैं?

    IMD चक्रवात प्रवण क्षेत्रों के लिए निम्नलिखित कलर कोडेड मौसम चेतावनियां जारी करता है:
    ग्रीन: चक्रवात पूर्व निगरानी, 72 घंटे पहले जारी की जाती है।
    येलो: चक्रवात अलर्ट, कम-से-कम 48 घंटे पहले जारी की जाती है।
    ऑरेंज: चक्रवात वॉर्निंग, कम-से-कम 24 घंटे पहले जारी की जाती है।
    रेड: पोस्ट लैंडफॉल आउटलुक, कम-से-कम 12 घंटे पहले जारी किया जाता है।

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