विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत:
– हर साल 5 जून को मनाया जाता है।
मुख्य उद्देश्य:
– पर्यावरणीय जागरूकता और संरक्षण को बढ़ावा देना।
इतिहास:
– 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्टॉकहोम सम्मेलन में इसे मनाने का निर्णय लिया।
– पहला पर्यावरण दिवस 1973 में "केवल एक पृथ्वी" थीम के साथ मनाया गया।
पर्यावरण की वर्तमान स्थिति:
– वनों की कटाई, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का ह्रास जैसी गंभीर समस्याएं हैं।
वनों की कटाई:
– वन्यजीवों के आवास और पर्यावरण संतुलन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
– प्रदूषण:वायु, जल और मृदा प्रदूषण से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को नुकसान हो रहा है।
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– जलवायु परिवर्तन:बढ़ते तापमान, अनियमित वर्षा, बाढ़, सूखा आदि इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
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जैव विविधता का ह्रास:
– मनुष्य की गतिविधियों के कारण कई प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं।
पर्यावरण संरक्षण के उपाय:
– वृक्षारोपण, पुनर्चक्रण, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण और जैविक खेती जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम:
– "भूमि पुनर्स्थापना, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता"
– इस वर्ष का मेजबान सऊदी अरब है।